Madhu Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -22-Mayचाय की चुस्कियांँ

चुस्कियांँ

चाय की चुस्कियांँ
बातों में में मस्तियांँ ँ
क्या कहूं खूब बात है
दूर होती सुस्तियाँ।

अजब निराली देखो चाय,
अदरक इलायची वाली  भाय।
भीनी भीनी खुशबू इसकी
सांसों में देखो रमती जाय।

शादी ब्याह का दौर,
साथ इसका ना कोई बोर।
बात बात पर ठहाका,
 कह कहो का देखो शोर।

गली मोहल्ले नुक्कड़ वाली,
होटल क्लब और रेस्त्रां आली,
सर दर्द थकान मिटाएं
कुल्हड़ वाली चाय निराली।
            रचनाकार ✍️
            मधु अरोरा
          22.5.2022
            
प्रतियोगिता हेतु 

   25
8 Comments

Abhinav ji

23-May-2022 09:56 PM

Nice👍

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Punam verma

23-May-2022 10:32 AM

Nice

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Renu

22-May-2022 11:37 PM

👍👍

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